migraine kya hota hai. माइग्रेन के लक्षण , कारण तथा उपाय |

दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम आपको एक Common समस्या migraine kya hota hai. माइग्रेन के लक्षण , कारण तथा उपाय | के बारें में विस्तार से जानकारी देने जा रहे है | Migraine को Headache और सामान्य बोल चाल में सिर दर्द के नाम से भी जाना जाता है | Migraine कोई बहुत बड़ी बीमारी तो नहीं है लेकिन यह काफी पीड़ा दायक परेशानी है |

Migraine kya hai ? माइग्रेन एक आम बीमारी है जो सिरदर्द के रूप में पहचानी जाती है और लाखों लोगों को समय समय पर प्रभावित करती है। यह व्यक्ति के दैनिक जीवन को प्रभावित करके कार्यक्षमता को कम कर सकती है। इस लेख में, हम माइग्रेन के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे, जैसे कि यह क्या होती है, कारण, लक्षण, और इसका इलाज क्या हो सकता है।

इस पोस्ट में हम आपको माइग्रेन क्या होता है , माइग्रेन क्यों होता है , माइग्रेन के लक्षण , माइग्रेन के लिए व्यायाम तथा योगासन , घरेलू उपाय आदि सभी के बारें में विस्तार से बताएँगे |

तो आइये जानते है कि Migraine kya hota hai in hindi

Read Also

5 मिनट में pet saaf kaise kare? 15+ easy remedy

typhoid kaise hota hai | इससे बचना है तो अभी पढ़ ले(2023)

Table of Contents

migraine kya hota hai – माइग्रेन क्या होता है

माइग्रेन (Migraine) एक प्रकार का दर्द है जो मस्तिष्क के एक तरफ से शुरू होता है और समय-समय पर दूसरी ओर फैलता है। माइग्रेन के लक्षण में तेज सर दर्द , उलटी, रोशनी और ध्वनि की संवेदनशीलता, त्वचा की संवेदनशीलता और थकान शामिल हो सकती हैं। यह एक बहुत ही असहनीय स्थिति हो सकती है जो रोज़मर्रा की गतिविधियों को प्रभावित कर सकती है।

वैज्ञानिकों ने माइग्रेन के कई कारकों की पहचान की है, जिनमें हार्मोनियल परिवर्तन, कुछ खाद्य पदार्थ, पर्यावरणीय कारक, तनाव, और आनुवंशिक प्रवृत्ति शामिल हैं। माइग्रेन व्यक्ति की दैनिक जीवनशैली पर गहरा प्रभाव डाल सकती है | इसके अलावा भी Migraine के कई कारण हो सकते है जिसमें से पर्याप्त नींद न लेना , शराब का नशा आदि शामिल है |

अतः आप अब समझ गए होंगे कि Migraine kya hai ? आइये अब इनके बारें में कुछ और जरूरी जानकारी जानते है

Migraine ke Lakshan – माइग्रेन के लक्षण

माइग्रेन के लक्षण व्यक्ति के अनुभव और माइग्रेन के प्रकार पर निर्भर करते हैं। नीचे कुछ माइग्रेन के सामान्य लक्षण दिए गए हैं:

सिरदर्द: माइग्रेन का मुख्य लक्षण सिरदर्द होता है, जो आमतौर पर एक तरफ के सिर में महसूस होता है। यह दर्द अत्यधिक तेज होता है और साथ बढ़ता रहता है।

ओरा: कुछ लोगों को माइग्रेन प्रकोप से पहले “ओरा” नामक लक्षण होते हैं। ओरा में शामिल हो सकते हैं दृष्टि के परिवर्तन, छोटी-मोटी झलक, संवेदनशीलता, वार्तालाप की कमी, शरीर में टिहरान या गुदा में सुस्ती, और संज्ञानात्मक परिवर्तन।

अत्यधिक संवेदनशीलता: माइग्रेन के समय, लोगों को आवाज, प्रकाश और सूर्य प्रकाश जैसी उत्तेजना के प्रति अधिक संवेदनशीलता हो सकती है।

और साथ ही माइग्रेन से जुड़े लक्षणों में उलटी, बेहोशी या स्मृति की कमी, आंतरिक और बाहरी संकेत, और हावभाव में परिवर्तन हो सकते हैं।

Migraine Ke Karan – माइग्रेन के कुछ प्रमुख कारण

माइग्रेन के कई कारण हो सकते हैं, यहां हम आपको माइग्रेन के 10 प्रमुख कारणों के बारें में बताते है –

स्त्री हार्मोनों में परिवर्तन:

हार्मोनल परिवर्तन, जैसे मासिक धर्म के दौरान, गर्भावस्था आदि, माइग्रेन के प्रकोप को बढ़ा सकते हैं।

खाद्य पदार्थ:

कुछ खाद्य पदार्थ जैसे चॉकलेट, बादाम, अदरक, अचार, तीखा और आधिक मसालेदार खान पान माइग्रेन को प्रेरित कर सकते हैं।

वातावरणिक कारक

धूप, ऊँचाई, तापमान और भूकंप जैसी आपातकालीन परिस्थितियां माइग्रेन का कारण बन सकती हैं। ऊष्मा, अधिक धूप, प्रदूषण, ध्वनि, यात्रा, और ऊबान के कारण माइग्रेन का प्रकोप हो सकता है |

तनाव:

तनाव, चिंता और मानसिक दबाव माइग्रेन के उत्पन्न होने का महत्वपूर्ण कारक हो सकते हैं।

आवाज और ध्वनि:

उच्च आवाज, ध्वनि और बाज़ारी शोर माइग्रेन को बढ़ा सकते हैं।

बदलता मौसम:

मौसम के परिवर्तन, बारिश, तेज हवाओं और आंधी के कारण भी माइग्रेन का प्रकोप हो सकता है।

निद्रा की कमी:

अनुपातिक निद्रा, अनियमित निद्रा या कम निद्रा माइग्रेन को प्रेरित कर सकती है।

रोशनी और चमक:

तेज चमक, तेज रोशनी, टेलीविजन और कंप्यूटर स्क्रीन की प्रकाश प्रदर्शिति भी माइग्रेन का कारण बन सकती है।

वातावरणीय कारक:

धूप, गर्मी, शीतलता, बारिश, बारिश के बाद की उमस के कारण माइग्रेन का प्रकोप हो सकता है।

आनुवंशिक प्रभाव:

माइग्रेन पारिवारिक रूप से प्रभावित हो सकती है और आपके माता-पिता या बड़े भाई-बहन में इसे पहले से होने की संभावना से हो सकती है।

Read Also

Gathiya rog kya hota hai? 10 easy घरेलू इलाज, अन्य बातें

Migraine Ke prakar – माइग्रेन के कुछ प्रकार

माइग्रेन के विभिन्न प्रकार हो सकते हैं, जो निम्नलिखित हैं:

माइग्रेन विदाउट औरा (Migraine without Aura):

यह सबसे सामान्य माइग्रेन प्रकार है, जिसमें ओरा के कोई लक्षण नहीं होते हैं। इसमें अत्यधिक दर्दभरा सिर दर्द हो सकता है |

माइग्रेन विथ औरा (Migraine with Aura):

Migraine with Aura , यह माइग्रेन ओरा लक्षणों के साथ होता है। ओरा के लक्षण में दृष्टि में परिवर्तन, छोटी-मोटी झलक, संवेदनशीलता या होश की कमी शामिल हो सकती है। ओरा के बाद, सिरदर्द शुरू होता है।

Basilar Migraine:

यह माइग्रेन विशेष लक्षणों के साथ होता है, जिनमें दिमागी गतिविधि की कमी, दिल की धड़कन, आवाज की परिवर्तन, दिमागी संकट आदि शामिल हो सकते हैं।

हेमिप्लेजिक माइग्रेन (Hemiplegic Migraine):

इस प्रकार के माइग्रेन में धाराप्रवाही प्रकोप के दौरान या उसके बाद कुछ समय तक एक तरफ के शरीर के हिस्से की अस्थायी पकड़ या कमजोरी हो सकती है।

क्रोनिक माइग्रेन (Chronic Migraine):

यदि आपको महीने में 15 या उससे अधिक दिनों तक माइग्रेन का दर्द रहता है, तो आपको क्रोनिक माइग्रेन हो सकता है।

यह केवल कुछ माइग्रेन के प्रमुख प्रकार हैं, लेकिन इसके अलावा भी और अन्य प्रकार हो सकते हैं। माइग्रेन के प्रकार व्यक्ति के लक्षणों और प्रकोप के प्रवाह पर आधारित होते हैं, इसलिए यदि आपको माइग्रेन के संबंध में संकेत मिल रहे हैं, तो आपको चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।

Migraine ka ilaj – माइग्रेन का इलाज तथा घरेलू उपाय

माइग्रेन के इलाज में तत्परता, स्वस्थ जीवनशैली, और उचित दवाओं का सही उपयोग शामिल होता है। Migraine को किस भी व्यक्ति को हल्के में नहीं लेना चाहिए | यह समय के साथ बढ़ सकता है और तेज हो सकता है | इस लिए आपको अपने नजदीकी Doctor से मिलकर इलाज करवाना चाहिए | इसके साथ साथ आप निम्न घारेलु उपायों को भी अपना सकते है

Migraine के लिए घारेलु उपाय –

माइग्रेन के लिए कुछ घरेलू उपाय मददगार साबित हो सकते हैं, यहां कुछ सामान्य घरेलू उपाय दिए जा रहे हैं:

आराम करें:

माइग्रेन के समय शांति और आराम बहुत महत्वपूर्ण है। ध्यान दें कि आप धीरे-धीरे शांत और सुरमई रूशनी वाले कमरे में जा सकते हैं, यह आपके दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।

शांति का माहौल बनाएँ:

ताल-मेल और उत्साहित माहौल से दूर रहें। यह ध्वनि, प्रकाश और सोशल मीडिया यातायात से संबंधित संवेदनशीलता को कम करने में मदद कर सकता है।

आरोमा थेरेपी:

सुगंधित तेलों का उपयोग करके आरोमा थेरेपी करने से भी माइग्रेन को शांति मिल सकती है। आप सुगंधीत ठंडे तेल जैस हिमराज , नवरतन तेल , हिमगंगे आदि से सर की मसाज कर सकते है | जिससे आपको आराम मिलेगा |

मसाज:

हल्के हाथों के साथ अपनी आंखों को, मस्तिष्क को और गर्दन को मालिश करना भी दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।

प्राकृतिक उपचार:

प्राकृतिक उपचारों में आंवला, शहद, अदरक, तुलसी, सौंफ, नारियल पानी और नींबू पानी शामिल हो सकते हैं, जिन्हें आप अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।

योगा और मेडिटेशन:

नियमित योग और मेडिटेशन प्राकृतिक तरीके हैं जो माइग्रेन के प्रकोप को कम करने में मदद कर सकते हैं।

हालांकि, यदि आपको माइग्रेन बार बार हो रही है और दर्द असहनीय है, तो आपको चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।

माइग्रेन के लिए कुछ योगासन –

माइग्रेन के लिए योग आसनों का नियमित अभ्यास आपको ताजगी और शांति प्रदान कर सकता है। यहां कुछ योग आसनों के उदाहरण दिए जा रहे हैं जो माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति के लिए लाभदायक हो सकते हैं:

पद्मासन (Padmasana):

पद्मासन ध्यान और धारणा के लिए एक आसन है जो मानसिक चिंताओं को कम करने और मस्तिष्क को शांत करने में मदद कर सकता है।

वज्रासन (Vajrasana):

वज्रासन पेट की सूजन और अग्नि को संतुलित करके माइग्रेन से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।

पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana):

पश्चिमोत्तानासन पीठ, गर्दन और पेट को संयमित करने में मदद कर सकता है और माइग्रेन से आराम दिला सकता है।

शवासन (Shavasana):

शवासन शारीरिक और मानसिक संतुलन को बढ़ाने, मस्तिष्क को शांत करने और माइग्रेन के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।

अनुलोम-विलोम प्राणायाम (Anulom-Vilom Pranayama):

अनुलोम-विलोम प्राणायाम श्वास नली को संतुलित करके और शांति प्रदान करके माइग्रेन के लक्षणों को कम कर सकता है।

शीतकारी प्राणायाम (Sheetkari Pranayama):

शीतकारी प्राणायाम मस्तिष्क को शांत करके माइग्रेन के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।

ध्यान देने योग्य बात है कि माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति को योग आसनों का अभ्यास करने से पहले एक योग गुरु या प्रशिक्षक से परामर्श लेना चाहिए। वे आपको आपके स्वास्थ्य स्तर, शारीरिक क्षमता और अन्य परिस्थितियों के आधार पर सही आसनों और प्राणायाम का चयन करेंगे।

क्या माइग्रेन में पैरासिटामोल (Paracetamol) का सेवन किया जा सकता है ?

हाँ, माइग्रेन में पैरासिटामोल (Paracetamol) का सेवन किया जा सकता है। पैरासिटामोल माइग्रेन के दर्द और उससे जुड़े लक्षणों को कम करने में सहायता कर सकता है। यह एक ओटीसी (एकल दवा) है और अक्सर प्रथमिक उपचार के रूप में उपयोग की जाती है।

माइग्रेन क्या है?

माइग्रेन एक सिरदर्द का प्रकार है जिसमें व्यक्ति को एक तरफ की सिर में तेज और उच्चाकारी सिरदर्द का अनुभव होता है। यह सामान्यतः लम्बे समय तक चलता है और इसके साथ उल्टी, आवाज और रोशनी की संवेदनशीलता आदि अन्य लक्षण भी हो सकते हैं।

माइग्रेन के कारण क्या हो सकते हैं?

माइग्रेन के कारण कई फैक्टर्स हो सकते हैं, जिनमें से कुछ मुख्य हैं: आनुवंशिक प्रभाव, हार्मोनल बदलाव, तनाव और मानसिक दबाव, आहार और पेय, वातावरणिक कारक जैसे ऊष्मा, धूप, प्रदूषण आदि।

माइग्रेन का इलाज क्या होता है?

माइग्रेन का इलाज तत्परता, स्वस्थ जीवनशैली, और उचित दवाओं का सही उपयोग शामिल करता है। दवाइयों के साथ-साथ आयुर्वेदिक उपाय, योग आसन, धारणा तकनीकें, तनाव प्रबंधन, और स्वस्थ आहार भी माइग्रेन के इलाज में मददगार हो सकते हैं।

क्या माइग्रेन जानलेवा बीमारी है?

माइग्रेन जानलेवा नहीं होती है, लेकिन यह व्यक्ति के दैनिक जीवन को प्रभावित करके कार्यक्षमता को कम कर सकती है। सही इलाज और अपनी लाइफस्टाइल में आवश्यक परिवर्तन करके, माइग्रेन को नियंत्रण में रखा जा सकता है।

क्या माइग्रेन के लिए आयुर्वेदिक उपाय एवं घरेलू उपाय मौजूद हैं?

हां, माइग्रेन के लिए आयुर्वेदिक व घरेलू उपाय मौजूद हैं जैसे कि प्राणायाम, योग आसन, मसाज, शिरोधारा, नास्य, आयुर्वेदिक दवाएं, और प्राकृतिक घरेलू उपचार। यह सभी आयुर्वेदिक उपाय शांति और आराम प्रदान करके माइग्रेन के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं।

Conclusion :

दोस्तों आज के इस पोस्ट में हमने आपको migraine kya hota hai hindi mein के बारें में विस्तार से जानकारी देने का प्रयत्न किया है | हमने आपको Migraine ke ayurvedic upay , घरेलु उपाय आदि भी बताए है | लेकिन अगर आपको इसकी समस्या लंबे समय से है या बार बार सरदर्द की समस्या हो रही है तो आपको Doctor के पास दिखाना चाहिये एवं उचित इलाज करवाना चाहिये |

अगर आपको हमारे ये पोस्ट migraine kya hota hai in hindi पसंद आया हो तो इसे Share जरूर करे |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *